कोटा की की कहानी , मेरी नानी सा की जुबानी।
लेखिका : कमलेश चौहान ( गौरी )
मानव को परमात्मा ने बुद्धि दी है , भुतपुर्व की यादे भूलना तो अच्छा है। भुतपुर्व ही हमारा वर्तमान होता है ताकि हम वह गलती हम अपने वर्तमान में न करे। वर्तमान हमारे भविष्य को बनाता है। हालांकि यह बाते हिन्दू धर्म में न जाने कब से लिखी गयी है। बड़े अफ़सोस की बात है भारत का हर धर्म हिन्दू धर्म से ही निकला है और आज कुछ लोग भूल गए अपने स्वार्थ के लिए की पेड़ की जड़ो से पेड़ बनता है। अपनी जड़ो को भूलना ही विनाश का कारन बनता है। बूढी का नाश हो जाता है। जिसका नमून आज हम देश सकते है। वह नमूना है आतंकवाद, भारत बंद , , सड़को पर विरोध के नारे , गरीब दुकानदारों की दुकानों को तोडना , सड़को में राह गुजारो को तंग करना , रेलगाड़ियों को रोकना। टी वी पर जोर जोर से सैनिको को गालिया देना। ७० साल तक आज भी आरक्षण मांगते है । वही लोग अपना धर्म बदल कर हिन्दू धरम के खिलाफ झूठा प्रचार करते है । विनाश है यह।
पता नहीं क्योँ हमारे भारत की धरती को किसका अभिशाप है? जब जब भारत आसमानों की बुलंदियों को छूने लगा तभी हमारे ही देश के लोगो ने विदेशियों के झांसे में आकर अपने ही देश के टुकड़े टुकड़े कर दिये। कल भी यही हुआ था। आज भी हो रहा है। आज भी कैसे भोले भाले युवको को भड़का कर कन्हैया कुमार। शैला। कांग्रेस की परवकता प्रियंका चतुर्वेदी , शबीना लोन , प्रशांत भूषण, सुरजेवाला जो हमारे देश के सैनिको को गाली देती है फिर अगर कोई सैनिक शहीद होता है तो अपनी मशहूरी के लिए सरकार को दोष देती है।टीआरएस आता है इन लोगो की बुद्धि पर।
मुझे याद है बचपन में नानी ने एक सच्ची घटना बतायी थी। कहते है १९३५ में कोटा के शहर में एक भिखारी आता है और शहर वालो उस शहर से दूर जाने को कहता है। कियोंकि वह सबको कहता है इस शहर एक ऐसी घटना घटने वाली है की सब कुछ तबाह हो जायेंगा। यह से दूर चले जायो। सबने उसको भिखारी भिखारी कह कर पीटना शुरू कर दिया। न जाने काया काया उसे भिखारी होने का ताना लगाया। उसने यह भी कहाँ की मंदिरो में दान करो ताकि किसी की जान को खतरा न हो।
भारत का एक शहर जो आज देश में रहने वाले देश के दुश्मनों ने देश धरम के नाम पर , झुठे स्वाभिमान का बहाना करके , भारत के पुरे राष्ट्र को बर्बाद कर दिया। राष्ट्र टुटा , राष्ट्रिया की भावना को बरबाद कर दिया। फिरंगियों की सरकार का सहारा लेकर , खून खराबे कर के देश को दो टुकड़ो में बाँट दिया।
भारत का वह हिस्सा आज भी टुटा हुवा शहर है यहां लोग आज भी मारे जा रहे है। जानते हो वह शहर का क्या नाम था ? जी हा बलोचिस्तान का एक शहर कोटा जिसमे इतना बड़ा कहर टुट पड़ा था। सुबह प्रभात के २:33 से लेकर ३:४० तक 7.7 जिसकी मात्रा थी। उसके बाद न जाने कितनी ३. ५ की मात्रा में धरती थरथराती रही। सब ने उस भिखारी को ढूंढा वह भिखारी जा चूका था। कहाँ ? किसी को कुछ मालूम नहीं था।
आज भी मोदी जी एक साधारण परिवार से भारत में प्रगट हुआ। जो देश में निःस्वार्थ देश के लोगो के लिये काम कर रहे है। उनके काम को देख कर देशप्रेमी राष्ट्रीयता का सन्देश ले कर देशवासियों को बता रहे की मोदी भगवन नहीं इन्सान है लेकिन उस इन्सान में केवल देश को आगे लाने का सपना है। और देश को बर्बाद करने वाले , देश को तोड़ने वाले , आज भी कोई उसे चोर कहता है ? कोई फेकू कहता है , कोई जुमलेबाज कहता है। आज जिसने धरम के नाम पर हमारे देश को तोडा आज भी वह अभी भी चैन से जीने नहीं देता। हमारे देश के दुश्मन ऐसी सोच वालो से मदद मांग रहे है। अगर जनता को समझाया जाता है तो लोगो को यह सिखाया जाता है कि उनसे कह दो कि हमें ज्ञान न दे , हमें देशभक्ती का सर्टीफिकेट न दे। न जाने क्यू लग रहा है एक तूफान ऐसा ही आयेंगा , जिससे भारत की धरती थरथरा जायेंगी और यह फिरंगी , सवराज के नाम पर ठगने वालो के साथ साथ हमारे भोले भाले युवकों को बर्बाद कर देगी। जो अपनी सेना न हो सका , जो देश की सुरक्षा के हथियारों की सुचना दुनिया भर में फैला देता है वह भारत का ही नहीं वह मानवता का भी दुश्मन है।
कोटा की की कहानी , मेरी नानी सा की जुबानी। आज फिर से दोहरायी जा रही है। क्यों ?
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