Saturday, March 13, 2010

Khuda ka Paigam Ensaan Ke Naam

खुदा का पैगाम इन्सान के नामShare
Saturday, August 22, 2009 at 4:43pm | Edit Note | Delete
खुदा का पैगाम इन्सान के नाम

लेखक कमलेश चौहान
कॉपीराइट २००८ @ कमलेश चौहान

चाँद को चादनी का तौफा दिया है है उस खुदा ने
सूरज को बनाया दिन का ताज उस ईश्वर ने

इन्सान के लिये बनायीं थी मालिक ने एक ही ज़मीं
जमीं के लिये गिराई इन्सान ने अपनी ज़मीर

मसीहा भी मेरा नाम, अल्लाह भी रखा मेरा नाम
राम रहीम एक है जान, कबीर करीम का है यह पैगाम

मत काटो सर मासूमो के मेरे कश्मीर मे लाकर मेरा नाम
मेरी ही बख्शी ज़मीं पी, मासूमो का मंगाते हो बलिदान

जिहाद तो बनाया था अपने अंदर के कुफर से लड़ना
शत्रंज़ , शराब और मन की बुराईयों से ज़ंग करना

लेकिन अब मै कया कहूँ , कोई मानता नहीं मेरा इमाम
मेरे ही प्यारो ने कर दिया ,मेरा ही नाम बदनाम


यह
ख्याल मै़ने तब लिखा था जब कश्मीर मे हमारे भारती लोगो के घर उजाड़ दिये थे हमारे पडोसी भाईयो ने. दुनिया खामोश रही लेकिन जो हमारे भारती नारियो , बचो और शंतिप्रियाए आदमियों को अपने ही वतन मै जिहाद और आज़ादी के नाम पर नफरत से कतला आम किये गया , भाईयो से बहने बिशद गयी और दुसरो हिसो मे बैठे भारती चुपचाप देखते रहे. आज भी हमारी भारती सरकार विशव मे यह नहीं साबित कर पाई की हमारा भारत धरम के नाम पर अपने देश के टुकडे नहीं कर सकता. धरम यह नहीं सकता किस्सी से बैर करना.

2 comments:

  1. बहुत ही तात्विक चिन्‍तन है आपका। बधाई।

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  2. wah shabad nhi mere pass ...bahut achi soch hai

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